कर्म करते रहे परिणाम से भयभीत नहीं होने की सीख गीता से मिलती है

प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम गोटेगाँव में जिला स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीकृष्ण की पूजा- अर्चना के साथ किया गया।

इस अवसर पर सांसद मंडला श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, विधायक श्री महेन्द्र नागेश, कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले, पुलिस अधीक्षक श्रीमती मृगाखी डेका, पूर्व राज्यमंत्री श्री जालम सिंह पटेल, श्री महंत प्रीतमपुरी गोस्वामी, साधु- संत, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी- कर्मचारी और नागरिक मौजूद थे।

गोटेगाँव में आयोजित गीता जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए मंत्री श्री पटेल

अतिथियों ने कार्यक्रम में पधारे संयासी रामकृष्ण मठ एवं मिशन रामकृष्ण शारदा सेवा आश्रम रातीकरारखुर्द करेली के स्वामी मानदानंद जी महाराज, नरसिंह साधुमंडल के अध्यक्ष व प्रांत संयोजक संत मार्गदर्शक मंडल विश्व हिंदू परिषद के महंत श्री बालकदास जी महाराज, श्री देवरामजानकी बड़ा मंदिर बरमान के स्वामी श्री रघुनाथ दास जी महाराज, संस्थापक आचार्य गीता निकुंज आध्यात्मिक संस्थान एवं विश्व गीता प्रतिष्ठानम् के जिला प्रतिनिधि श्री शशिकांत मिश्र का शाल श्रीफल व तुलसी माला से सम्मान किया।

गीता के ज्ञान और इसके महत्व को जाने

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि 8 से 11 दिसम्बर की अवधि में चलने वाले इस महोत्सव में हमें गीता के ज्ञान और इसके महत्व को जानने तथा व्यवहार में आत्मसात करने का अवसर मिला है। विरासत से विकास की संकल्पना के मूल विचार में सनातन परम्परायें, मान्यतायें और उसके कल्याणकारी सामाजिक परिणाम रहे हैं। इसी क्रम में गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के विविध पक्षों और श्रीमद्भगवद गीता के सार्थक संदेशों से नागरिकों को अवगत कराना है।

समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रासंगिक

भगवान श्रीकृष्ण ने जीवन के रहस्य की जो बात श्रीमद्भगवद गीता में समझाई है, वह हम सभी के लिए पाथेय के रूप में है, जो व्यक्ति, समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रासंगिक है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा जो बातें कहीं गई, वह आज भी सम-सामयिक है। श्रीमद्भगवद गीता आज भी पूरे संसार के लिए एक अद्भुत ग्रंथ है। व्यक्तित्व विकास की आधुनिक पुस्तकों में ऐसा कोई सूत्र नहीं जिसका वर्णन श्रीमद्भगवद गीता में न हो। श्रीमद्भगवद गीता भारतीय दर्शन और चिंतन का मूल आधार है।

नवरात्रि के पर्व पर मौन धारण करते थे मंत्री पटेल

मंत्री श्री पटेल ने अपने जीवन से जुड़े कुछ वृतांत भी साझा किए।उन्होंने बताया कि वे नवरात्रि के पर्व पर मौन धारण करते थे। इस दौरान स्वामी विवेकानंद के साहित्य कर्म योग और राज योग का पाठ किया करते थे। मेरे आराध्य गुरु श्री श्री बाबा श्री जब परिक्रमा करके लौटे तब उनसे मुलाक़ात करने का अवसर मिला।कुछ ऐसी घटना घटित हुई जिससे मेरा मौन टूट गया। तब मैंने उनसे मुलाक़ात के दौरान मेरे मन में जिज्ञाशावश जो सवाल थे पूछे।

मेरे गुरु ने मुझसे कहा कि तुम क्या हो।मैंने जवाब में कहा कि मैं क्षत्रिय हूँ।तब गुरु ने मुझे उत्तर दिया कि क्षत्रिय का धर्म किसी भी स्थिति में साधक की रक्षा करना होता है। महात्मा गांधी ने अपने लेख में यह उल्लेख किया है कि जब भी वे जीवन की किसी विषम परिस्थिति में ख़ुद को पाते थे तो वे गीता का पाठ करते थे।इससे उन्हें अपनी समस्या का समाधान विचार के रूप में प्राप्त होता था।

मंत्री श्री पटेल ने यहाँ मौजूद बच्चों से कहा कि जब भी कभी जीवन में आप परेशानी महसूस करें तो गीता अवश्य पढ़े।हमने गीता को आस्था का केंद्र मानकर पूजा करनी शुरू की है किंतु इसके श्लोकों को अपनी समस्या के समाधान के रूप में खोजना भूल गए।

हम होंगे कामयाब अभियान का हुआ समापन

युवा पीढ़ी को इन धर्म ग्रंथों के बारे में जानना आवश्यक

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को इन धर्म ग्रंथों के बारे में जानना आवश्यक है। इनके ज्ञान से अपने व्यक्तित्व और भविष्य को बेहतर किया जा सकता है। भगवान श्रीकृष्ण ने जीवन को सफलता के लिए अपने धर्म के पालन और एकाग्रता के साथ कर्मशोलता पर ही बल दिया है। तुम्हारा अधिकार केवल कर्म पर है, कर्म के फल पर नहीं। इसलिए फल की चिंता किये बिना कर्म को ही कर्तव्य मानकर कार्य करो, उसी पर तुम्हारा अधिकार है। गीता की अमूल्य शिक्षा तथा मूल्यों से प्रेरणा लें। अपने जीवन में आत्मसात करें।

विधायक श्री महेन्द्र नागेश ने आभार व्यक्त किया

कार्यक्रम में विश्व गीता प्रतिष्ठानम के जिला प्रतिनिधि श्री शशिकान्त जी मिश्रा, परशुराम आयोग के जिला प्रतिनिधि श्री शिवकुमार चतुर्वेदी जी, श्री गीता निकुन्ज आध्यात्मि संस्थान नरसिंहपुर के 30 प्रतिनिधि, शारदा मन्दिर बरमानखुर्द संस्कृत पाठशाला के 11 विद्यार्थी, श्री मुक्तानंद संस्कृत पाठशाला के आचार्य व 15 विद्यार्थी, गणेश प्रसाद चौबे संस्कृत पाठशाला के 75 विद्यार्थियों ने एक सस्वर में श्रीमद्भगवद गीता जी का 12 एवं 15 अध्याय का पाठ किया। कार्यक्रम में मानदानंद जी महाराज एवं बालकदास जी महाराज ने अपने विचार व्यक्त किए गए। विधायक श्री महेन्द्र नागेश ने आभार व्यक्त किया।

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