Rating इन मापदंडों पर आधारित होगी रेटिंग
पैनल ने पांच बिंदु वाले Rating स्केल की सिफारिश की है। इसे बिक्री केंद्रों, पैकेजिंग और वेबसाइटों पर प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। यह रेटिंग कई मापदंडों पर आधारित होगी। Repairability Index इसमें डिस्प्ले स्क्रीन, बैटरी, कैमरा असेंबली, चार्जिंग पोर्ट और स्पीकर जैसे प्रमुख घटकों की मरम्मत क्षमता, अलग करने में आसानी, प्रयुक्त फास्टनरों और औजारों के प्रकार, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और साफ्टवेयर अपडेट नीति शामिल हैं। यदि कोई विशेष सेवा संतोषजनक है तो उसे पांच अंक मिलेंगे। यदि मध्यवर्ती है तो उसे तीन अंक मिलेंगे।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार
चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है। खेड़ा ने बताया कि अभी फीचर फोन (कीपैड वाले फोन) इस इंडेक्स के दायरे में नहीं आएंगे। उन्होंने संकेत दिया कि धीरे-धीरे इस इंडेक्स का दायरा बढ़ाया जाएगा। एक बार यह लागू हो जाए तो इससे मिलने वाले अनुभव के आधार पर हम इसका दायरा बढ़ा सकते हैं
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Smartphone and Tablet Rating : स्मार्टफोन और टैबलेट
स्मार्टफोन और टैबलेट निर्माताओं को जल्द ही अपने उत्पादों की रिपेयरबिलिटी इंडेक्स पर रेटिंग देनी होगी, ताकि उपभोक्ता इनकी खरीदारी को लेकर उचित निर्णय ले सकें। शुक्रवार को एक सरकारी पैनल ने इस इंडेक्स की रूपरेखा को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी। मोबाइल और इलेक्ट्रानिक क्षेत्र के लिए रिपेयरबिलिटी इंडेक्स पर रूपरेखा’ का उद्देश्य उपभोक्ताओं को विद्युत उपकरणों के लिए लागू ऊर्जा दक्षता रेटिंग की तर्ज पर उपकरण खरीदते समय उचित निर्णय लेने में मदद करना है । इस रेटिंग से उपभोक्ताओं को उत्पादों की मरम्मत, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता आदि की जानकारी मिलेगी।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा गठित और अतिरिक्त सचिव भरत खेड़ा की अध्यक्षता वाले पैनल ने उद्योग और उपभोक्ता संगठनों के बीच आम सहमति पर पहुंचने के बाद रूपरेखा को अंतिम रूप दिया है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे का कहना है कि कंपनियां ‘जीवनभर चलने वाले उपकरण नहीं बना रही हैं। वे वास्तव में उपभोक्ताओं को दूसरा

उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर कर रही हैं, क्योंकि उन्होंने उनके अप्रचलन की योजना बना ली है। टेक्नोलाजी ने यह सुनिश्चित किया है कि उत्पाद विफल हो जाएं और उनका जीवनकाल कम हो। उन्होंने. कहा कि रिपेयरबिलिटी इंडेक्स का पूरा उद्देश्य निर्माताओं को मरम्मत इकोसिस्टम प्रदान करने की उनकी
जिम्मेदारी के बारे में संवेदनशील बनाना और इंडेक्स पर उनके उत्पादों को रेट करना है, ताकि उपभोक्ता सही निर्णय ले सकें। खरे ने कहा कि पैनल ने मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है। मंत्रालय सिफारिशों की जांच करेगा और उनके अनुसार दिशानिर्देश जारी करेगा। पहले चरण में यह
ढांचा रिपेयरिंग इकोसिस्टम की प्रभावशीलता के बारे में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर प्राप्त लगभग 20,000 उपभोक्ता शिकायतों का विश्लेषण करने के बाद स्मार्टफोन और टैबलेट को कवर करेगा। अगले चरण में लैपटाप, डेस्कटाप और अन्य उत्पाद शामिल किए जाएंगे।
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