Ram Mandir श्रद्धालु अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर के अन्य स्थलों का दर्शन 15 अक्टूबर से कर सकेंगे अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि परिसर स्थित परकोटा के छह मंदिरों व परकोटा के बाहर के सात मंदिरों और कुबेर टीला जैसे दर्शनीय स्थल तो बन कर तैयार हैं, किंतु आंतरिक मार्ग तैयार न होने से श्रद्धालु इन स्थलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
श्रद्धालुओं को अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी होगी और 15 अक्टूबर से वे रामलला के साथ इन मंदिरों में विराजे देवताओं का भी दर्शन कर सकेंगे। ये जानकारी कारसेवकपुरम में पत्रकारों के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से साझा की।
उन्होंने बताया कि वृद्ध व दिव्यांग श्रद्धालु रामलला के दर्शन के बाद प्रथम तल पर प्रतिष्ठित राम दरबार तक भी पहुंच सकें, इसके लिए तीन लिफ्ट लगाने का काम भी सितंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा।
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Civil Engineer यानी भवन निर्माण के विद्यार्थी राम मंदिर निर्माण का पाठ पढ़ेंगे। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआइ रुड़की के बीच बातचीत चल रही है।
पांच वर्ष पूर्व मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ मंदिर ट्रस्ट ने निर्माण की प्रक्रिया रिकार्ड करने के लिए पांच वीडियो कैमरे लगवाए थे। आज जब मंदिर निर्माण पूर्ण होने को है, तो इन कैमरों ने जो रिकार्ड किया, वह निर्माण के क्षेत्र की संपदा के रूप में है।
इस बौद्धिक संपदा का रचनात्मक उपयोग हो सके, इसी तथ्य को ध्यान में रख कर ट्रस्ट मंदिर निर्माण की वीडियो रिकार्डिंग सीबीआरआइ को सौंपने की तैयारी में है। यह जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दी। वह पत्रकारों के साथ मंदिर निर्माण समिति की बैठक से जुड़ी जानकारी साझा कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि ट्रस्ट अपनी यह बौद्धिक संपदा एक शर्तनामा के साथ सीबीआरआइ को सौंपेगा। इस शर्तनामा में सीबीआरआइ से अपेक्षा होगी कि वह इस वीडियो का अध्ययन-अध्यापन में उपयोग करने के साथ मंदिर निर्माण के विभिन्न सोपानों की जानकारी से युक्त ऐतिहासिक डाक्यूमेंट्री निर्मित कराए।
मंदिर का निर्माण आस्था के महनीय केंद्र के साथ स्थापत्य के अप्रतिम उदाहरण के रूप में हुआ है और इसकी निर्माण प्रक्रिया निश्चित रूप से भवन निर्माण के अध्येताओं को पग-पग पर प्रेरित करने वाली होगी। मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा के दौरान जहां यह नियत किया गया कि वैकल्पिक गर्भगृह को आस्था के स्मारक के रूप में प्रतिष्ठित किए जाने के साथ मंदिर आंदोलन के बलिदानियों के स्तंभ को कुछ दूर स्थापित किया जाए।
ताकि रामलला के वैकल्पिक गर्भगृह की गरिमा व पवित्रता किसी भी कोण से संक्रमित न होने पाए। नृपेंद्र मिश्र के अनुसार, मंदिर की प्लिंथ में रामकथा विषयक 90 म्यूरल्स लगाए जाने हैं और इनमें से 85 लाए भी जा चुके हैं,
किंतु उन्हें लगाए जाने की प्रक्रिया नियत समय से एक माह पीछे है। इसके बावजूद मिश्र ने दोहराया कि अक्टूबर तक अधिकांश कार्य और दिसंबर तक राम मंदिर से जुड़ा बाकी काम पूरा कर लिया जाएगा।
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