Gaganyaan Mission : गगनयान मिशन आत्मनिर्भर भारत की यात्रा का प्रतीक राजनाथ

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Gaganyaan Mission : शुभांशु और तीन अन्य चयनित गगनयात्रियों को बताया “रत्न” वायुसेना के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ ने किया सम्मानित

शर्मीले था, सोचा नहीं था अंतरिक्ष जा पाऊंगा शुभांशु

वायुसेना के कार्यक्रम में अंतरिक्षयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि वह “शर्मीले और संकोची” स्वभाव के थे। उन्होंने कहा, राकेश शर्मा की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान की कहानियां सुनी हैं, लेकिन अंतरिक्ष यात्रा का सपना नहीं देखा था । शुभांशु ने अपने जीवन में आए परिवर्तन का श्रेय भारतीय वायुसेना को दिया।

शुभांशु ने हाल ही में संपन्न Axiom 4 Mission के दौरान के अपने अनुभव को भी साझा किया। गगनयात्रियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए शुभांशु ने कहा, मेरे पास अंतरिक्ष से रिकार्ड की गई छोटी सी क्लिप है। अनूठी स्थिति और आकार के कारण भारत अंतरिक्ष से वाकई बहुत खूबसूरत दिखता है।

विशेषकर रात में यदि आप हिंद महासागर से दक्षिण से उत्तर की ओर भारत के ऊपर से गुजरें, तो मुझे लगता है कि यह संभवतः सबसे सुंदर दृश्यों में से एक होता है। शुभांशु ने स्कूली बच्चों को आटोग्राफ भी दिए।

 

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Defence Minister Rajnath रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गगनयान मिशन आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में “नए अध्याय” का प्रतीक है। रक्षा मंत्री ने अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य चयनित गगनयात्रियों को देश का “रत्न” और राष्ट्रीय आकांक्षाओं का अग्रदूत बताया।

भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए अंतरिक्षयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को शार्टलिस्ट किया गया है।

रक्षा मंत्री ने सुब्रतो पार्क में रविवार को भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चारों गगनयात्रियों को सम्मानित किया। यह समारोह एक्सिओम 4 मिशन की सफलता के बाद आयोजित किया गया है। एक्सिओम 4 मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर गए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गगनयान परियोजना की घोषणा 2018 में की थी।

 

Gaganyaan Mission
Gaganyaan Mission

 

इसके तहत 2027 में तीन अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा, हम अंतरिक्ष को अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, ऊर्जा और मानवता के भविष्य के रूप में देखते हैं। राष्ट्र गगनयान जैसे मिशनों के लिए तैयार है। भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम प्रयोगशालाओं और राकेटों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है।

रक्षा मंत्री ने इसे “आत्मनिर्भर भारत का नया अध्याय बताया। उन्होंने कहा, चंद्रयान से मंगलयान तक हमने प्रदर्शित किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद असीमित इच्छाशक्ति सबसे चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को अद्भुत उपलब्धियों में बदल सकती है।

इस कार्यक्रम में सीडीएस जनरल अनिल चौहान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल और एपी सिंह भी उपस्थित थे। शुभांशु की पत्नी और बेटे, और अन्य तीन गगनयात्रियों के परिवार के सदस्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

रक्षा मंत्री ने शुभांशु की यात्रा को “नागरिक सैन्य सम्मिलन का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा, शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा केवल सशस्त्र बलों या भारत की ओर से नहीं थी, बल्कि सभी मानवता के प्रतिनिधि के रूप में थी

 

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