FPI 2025 : एफपीआइ की मजबूत वापसी, बीते सप्ताह 10 हजार करोड़ रुपये के शेयर खरीदे

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FPI Investment 2025 में FPI 2025 निवेश के लिहाज से अप्रैल पहला सकारात्मक महीना रहा 4,223 करोड़ रुपये रही एफपीआइ की शुद्ध खरीदारी पिछले महीने FPI विशेषज्ञों ने कहा- भारत और पाकिस्तान सीमा पर बने तनाव ने निवेशकों ने मूड पर नकारात्मक असर डाला 173 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे एफपीआइ ने मई के एकमात्र कारोबारी सत्र में

इस वर्ष एफपीआइ FPI निवेश

  • जनवरी -78,027
  • फरवरी -34,574
  • मार्च -3,973
  • अप्रैल 4,223
  • मई 173*
  • * आंकड़ा एक मई तक का है।

बाजार में रहेगा उतार-चढ़ाव

Mumbai IANS : गत शुक्रवार को दोनों प्रमुख सूचकांक भारी उतार-चढ़ाव के बाद मामूली बढ़त के साथ बंद हुए थे। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक भूराजनीतिक तनाव, टैरिफ से संबंधित घटनाक्रमों, चौथी तिमाही की आय के नतीजों से निकट अवधि उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। बजाज ब्रोकिंग रिसर्च ने एक नोट में कहा है कि मौजूदा गिरावट हालिया तेजी के बाद विकसित हुई ज्यादा खरीदारी की स्थिति से निपटने में मदद करेगी।

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वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं के बावजूद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने भारतीय शेयर बाजारों में मजबूत वापसी की है और बीते सप्ताह 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयरों की खरीदारी की है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के डाटा के अनुसार, एफपीआइ ने 28 अप्रैल से दो मई के दौरान भारतीय बाजारों में 10,073 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की है।

NSDL एनएसडीएल के डाटा के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2025 में एफपीआइ निवेश के लिहाज से अप्रैल पहला सकारात्मक महीना रहा है। पिछले महीने के दौरान एफपीआइ ने भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 4,223 करोड़ रुपये का निवेश किया है। मई की शुरुआत भी सकारात्मक रही है और एकमात्र कारोबारी सत्र में एफपीआइ ने 173 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीद की है।

FPI 2025
FPI 2025

 

अब इक्विटी में एफपीआइ की कुल निकासी घटकर 1,12,178 करोड़ रुपये रह गई है। कई महीनों तक लगातार निकासी के बाद अप्रैल में शुद्ध निवेश से पता चलता है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय आर्थिकी में फिर से भरोसा बढ़ रहा है। हालांकि, इस मजबूत प्रवाह के बावजूद सप्ताह के दौरान

बाजार की धारणा कमजोर रही। भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव ने निवेशकों के मूड पर भारी असर डाला, जिससे एफपीआइ निवेश का सकारात्मक प्रभाव सीमित हो गया। विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी के बीच घरेलू अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण बाजार दबाव में हैं। कई निवेशक सतर्क बने हुए हैं और सीमा पर चल रहे तनाव के बीच प्रतीक्षा व निगरानी का रुख अपना रहे हैं।

बैंकिंग और बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा का कहना है कि भारतीय बाजारों पर अब भारत-पाक तनाव का असर है। अन्यथा भारतीय बाजार अच्छे वैश्विक संकेतों से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।

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