EOS 09 Mission : इसरो का 101वां मिशन, हर मौसम में खींचेगा हाई रिजाल्यूशन तस्वीरें ( EOS 09 ) ईओएस-09 के साथ अंतरिक्ष के सफर पर रवाना होगा पीएसएलवी सी-61, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट ईओएस-09
पांच वर्ष का होगा ईओएस-09 मिशन
इसरो ने कहा कि ईओएस-09 की मिशन लाइफ पांच वर्ष है। इसका मतलब है कि इसे पांच वर्ष तक काम करने के लिए लांच किया गया है। यह 2022 में लांच किए गए ईओएस-04 का रिपीट उपग्रह है। इसे रीमोट सेंसिंग डाटा सुनिश्चित करने और अवलोकन की आवृत्ति में सुधार करने के मिशन उद्देश्य से डिजाइन किया गया है।
यह कार्टोसेट-3 उपग्रह की तुलना में काफी बेहतर तस्वीरें उपलब्ध कराएगा। कार्टोसेट-3 उपग्रह अपनी निचली पृथ्वी कक्षा से आधे मीटर से भी कम रिजाल्यूशन वाली तस्वीरें भेज सकता है उपग्रह को प्रभावी मिशन जीवन के बाद कक्षा से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में ईंधन सुरक्षित रखा गया है।
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ईओएस-09 को लांचिंग के 17 मिनट बाद कक्षा में स्थापित करेगा पीएसएलवी
PSLV C61 Rocket : पीएसएलवी-सी61 राकेट लांचिंग के 17 मिनट बाद ईओएस-09 उपग्रह को सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा (एसएसपीओ) में स्थापित कर देगा। उपग्रह के वांछित कक्षा में अलग हो जाने के बाद, विज्ञानी कक्षा की ऊंचाई कम करने के लिए आर्बिट चेंज थ्रस्टर्स (ओसीटी) का उपयोग करेंगे।
Operation Sindoor : आपरेशन सिंदूर
आपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने के बाद भारत अपनी सरहदों की सुरक्षा और किसी भी नापाक हरकत की हिमाकत रोकने के लिए सतर्क है। इसरो रविवार को ऐसा स्वदेशी “जासूसी” उपग्रह लांच करने जा रहा है जो रात में भी अंतरिक्ष से निगरानी करेगा। यह उपग्रह सभी मौसम यहां तक कि घने बादलों और कम रोशनी में भी पृथ्वी की सतह की हाई रिजाल्यूशन तस्वीरें खींचने में सक्षम होगा। यह सेटेलाइट चौबिसों घंटे अंतरिक्ष से निगहबानी करेगा। इससे भारत की उपग्रह आधारित निगरानी क्षमता बेहद मजबूत होगी। परिंदा भी इसकी नजर से बच नहीं पाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रविवार सुबह 5:59 बजे अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट ईओएस-09 को लांच करेगा। यह इसरो का 101वां मिशन है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-61 इस उपग्रह के साथ अंतरिक्ष के सफर पर रवाना होगा। इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य भी मौजूद रहकर लांचिंग के साक्षी बनेंगे। सूत्रों ने बताया कि इस उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए 22 घंटे की उल्टी गिनती शनिवार शनिवार सुबह 7.59 बजे शुरू हुई।
आपदा प्रबंधन में भी मददगार होगा ईओएस-09 : सरहदों की निगहबानी के साथ यह उपग्रह कृषि, वानिकी निगरानी, आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसरो के यूआर. राव सेटेलाइट सेंटर द्वारा डिजाइन किया गया स्वदेशी “जासूसी” उपग्रह सी-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार से लैस है। यह सभी मौसम में और कम रोशनी में पृथ्वी की सतह की उच्च-रिजाल्यूशन तस्वीरें खींचने में सक्षम होगा। लगभग 1,696.24 किलो वजन वाला ईओएस-09 अंतरिक्ष में भारत के पहले से मौजूद 57 से अधिक उपग्रहों के समूह में शामिल होकर देश के विशाल क्षेत्र में निगरानी क्षमता और मजबूत करेगा।
इन उपग्रहों में कक्षा में मौजूद चार रडार उपग्रह भी शामिल हैं जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद आपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की सीमाओं की निगहबानी की। ईओएस-09 (रीसेट-1बी) रीसेट- 1 उपग्रहों में एक उपग्रह है। यह रिसोर्ससेट, कार्टोसेट और रीसेट-2बी सीरीज उपग्रहों के लिए मददगार है। रडार सेटेलाइट को संक्षेप में रीसेट कहते हैं।
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